ETF एक एैसा निवेश का जरिया है जिसमे इंवेस्ट करके अच्छा खासा रकम बनाया जा सकता है। नौकरी पेशा लोगों के लिये यह एक बेहतरीन जरिया हो सकता है पैसा बनाने का। आइये जानते है क्या है ETF और कैसे करें इसमें निवेश।
हमारे देश में ज्यादातर लोग एैसे है जो नौकरी पेशा से अपना घर परिवार चलाते हैं। एैसे में सबके पास पर्याप्त वक्त नही होता जो शेयर मार्केट में अपना टाइम स्पेंड कर सकें। क्योंकि शेयर मार्केट से पैसे कमाने के लिये शेयरस की खरीद बेच करना पड़ता है। जिसके लिए मार्केट में एक्टिव रहना पड़ता है। जो सबके लिए संभव ही नही है।
अगर में बताऊँ की आप बिना शेयर के खरीद बेच करके भी शेयर मार्केट से अच्छी कमाई कर सकते हैं, तो कैसा लगेगा? हैं न मजे की बात दोस्तों।
देखो शेयर मार्केट में direct ETF (exchange traded fund) के जरिये निवेश कर सकते हैं। इसे आप शेयरस् की तरह ही मार्केट से खरीद सकते है, और इसक लिये शेयर मार्केट में दिनभर एक्टिव रहने की भी जरूरत नही है। इसमें एक्टिव पोर्टफोलियो management की भी जरूरत नही है।
ETF क्या है और कैसे काम करत”
ETF एक फंड होता है जो कम्पनी और exchanges के द्वारा लौंच किया जाता है। इसे शेयरस् की तरह ही खरीदा और बचा जा सकता है। शेयरस् के जैसे ही IPO लाया जाता है, और Exchange (BSE, NSE) जैसे में लिस्टेड होते है।
ETF में इंवेस्टर की प्रफिट कम्पनी के एसेट्स की प्रबंधन और performance के उपर निर्भर होता है। एसेट्स की कीमत बढ़ने और घटने से ETF में भी उतार चढ़ाव का मंजर होता है।
कैसे करें निवेश”
ETF में निवेश करने के लिये आपको एक डीमैट एकाउंट ओपन करना पड़ेगा। कोई भी ब्रोकर का डीमैट एकाउंट आप ओपन कर सकते है। जैसे 1) zerodhaa 2) angelone 3) upstocks 4) ICICI security जैसे और भी बहत सारा ब्रोकर है जो आप अपने पसंद के अनुसार एकाउंट खोल सकते हैं। “क्या है खासियत ETF का “
ETF इंडेक्स सेक्टर, देश, और असेट्स क्लास को कवर करते हैं। ETF पोर्टफोलियो को diversify भी किया जा सकता हैं।
कितने प्रकार के हैं ETF “
- ETF bassicaly 5प्रकार के होते हैं:
- 1) गोल्ड ETF 2) इंडेक्स ETF 3) बांड ETF 4) सिल्वर ETF और 5) इंटरनेशनाल् ETF
- ETF के फायदे और नुकसान “
- नुकसान:…..
- ETF को मुचुयअल् फंड की तरह direct कम्पनी से खरीद नही जा सकता, हाँ अगर IPO अलॉटमेंट में सिर्फ direct खरीद सकते हैं, लेकिन कम्पनी लिस्टेड होने के बाद इसे शेयर की तरह exchange से ही खरीदना पड़ता है। कभी कभी ETF को बेचना बड़ा मुश्किल हो जाता है। जैसे की ब कभी कभी एैसा भी होता है की अपने की शेयर खरीदा और जब उसे बेचने गये तो वो बिकता नही है। कारण शेयर में लोवर सर्किट लगा होता है या मार्केट में उसका डिमांड ही नही होता । ठीक उसी तरह ETF के मामलों में भी यही होता हैं। हमारे देश मे ETF ज्यादातर ETF के वोल्युम ही नही होता है, हालांकि कुछ गिने चुने ETF ही है जो अच्छी वोल्युम के साथ मार्केट मे दिखाई देते हैं। लेकिन ज्यादातर ETF उतना खास नही हैं। इसलिए ETF खरीदने से पहले कुछ दिन तक उसका वोल्युम जरूर चेक करें।
- फायदा:
- ETF को आप शेयर की तरह खरीद बेच सकते है। मान लीजिये की अपने की exchange का ETF खरीदा तो जैसे जैसे exchange वर्क करेगा वैसे वैसे ETF भी वर्क करेगा। आसान भाषा में कहा जाय तो exchange जितना परसेंट उप डाउन होगा ETF भी उतना परसेंट उप डाउन होगा।
- अगर आपको ETF में निवेश करना ही है तो, कोई एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। तो आपका इंवेस्मेंट सही जगह होगा और आप नुकसान से बच सकेंगे।