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3 नये क्रिमिनल कानून बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों मे पास! अब अंग्रेजों के जमाने केकानूनों से मिलेगी देश को आजादी।

देश मे बढ़ते घ्रिनोने अपराधों को रोकने के लिए सरकार 3 नये क्रिमिनल कानून लेकर आये है। अंग्रेजों के जमाने के पुराने कानूनों को खारिज करके ये तीन नये कानून को लाया गया है। जो दोनों सदन (लोकसभा और राज्यसभा) मे पास हो गया है। क्या हैं ये तीन कानून जानिए बिस्तार से…….

163 वर्ष पुरानी क्रिमिनल कानून को खतम करके भारतीय दंडसंहिता के जगह ये 3 नये कानून को लाया गया है।

1) 1860 में बने IPC की जगह अब भारतीय न्याय संहिता 2023 होग

2)1898 में बने CRPC की जगह अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 होगा।  3) 1872 में बने इंडियन एविडेंस कोड की जगह अब भारतीय साक्ष्य संहिता 2023 होगा।

ये तीनों कानून 2019 में ही बनके तैयार हो गया था लेकिन सदन में पहुँचने के लिए इसे 4 साल लग गायें।

20 दिसंबर 2023 बुधबार को गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में इस बिल सबके समक्ष पेश किया। 3 घंटों तक इसपर बहस होने के बाद बिल को पारित कर दिया गया।

“नये कानून से क्या होगा बदलाव “

1) 3 दिन के अंदर ही पुलिस को FIR दर्ज करना पड़ेगा।

2) 12 साल तक के बच्ची का रेप केस के मामलों में होगी फांसी तक की सजा।

3) गेंग रेप केस के मामलों में आरोपी को उम्रकैद (20) साल तक की सजा का प्रावधान किया गया।

4) हिट एंड रन के के मामलों में आरोपी को 10 साल तक की होगी सजा।

5) चिकित्सीय लापरवाही से होनेवाली मौत से अब डॉक्टरों को दोषी नही माना जायेगा।

6) यौन हिंसा के मामलों में बयान महिला न्यायिक मजिस्ट्रेट ही करेगी।

7) कोई पीड़ित अगर केस दर्ज करती है तो पीड़ित को 90 दिन के अंदर ही जानकारी देना पड़ेगा।

8) ज़ीरो FIR के मामलों में 24 घंटों के अंदर संबंधित थाने में ट्रांसफर करना पड़ेगा।

9) अपराधी को मौत की सजा होने पर उसे कम नही कर सकेगा। बस आजीवन कारावास तक बदल सकेगा।

10) घोषित अपराधियों की संपत्ति को कुर्की करने का प्रावधान किया गया हैं।

11) 14 दिनों के अंदर मजिस्ट्रेट को मामले का संज्ञान लेना पड़ेगा।

12) मुकद्दमा खतम होने के 45 दिन के अंदर न्यायाधीश को फैसला देना ही पड़ेगा।

13) गिरफ्तार अपराधी की सूचना हर पुलिस स्टेशन में रखना पड़ेगा।

14) अगर देश के खिलाफ कोई दोषी पाया गया तो राजद्रोह की जगह देशद्रोही ठहराया जायेगा। अपराध देशद्रोह का होगा।

“पुराने कानून से बहत अलग है नया कानून”

1) पहले अपाराधियोँ पर धरा 375 और 376 लगाया जाता था। अब नये कानून के आने से धारा 63 और 69 लगाया जायेगा।

2) 10 साल के सजा के जगह अब फांसी का प्रावधान किया गया है।

3) मर्डर के लिए पहले धारा 302 लगाया जाता था, लेकिन अब धारा 101 लगेगा।

4) पहले 19 अपराधों मे भगोड़ा घोषित किया जाता था अब 120 अपराधों मे भगोड़ा होगा।

5) पहले स्नेचिंग के लिए कोई कठोर सजा का प्रावधान नही था, लेकिन अब कठोर से कठोर सजा का प्रावधान होगा।

6) पहले आरोपी के गैरमजूदगी में ट्रायल नही होता था। अब होगा।

नये कानून के आने से आम लोगो को बहत फायदा होनेवाला हैं। इस से फैसला जल्दी से जल्दी होगा और तारीख पर तरिखवाली कहानी खतम हो जायेगी।

“क्या है नये कानून की खासियत “

पअहले IPC में 511 धाराएँ थी अब 356 धाराएँ होंगी।

175 धाराओं को बदला जायेगा और 8 नये धाराओं को जोड़ा जायेगा।

22 धाराओं को ख़तम कर दिया जायेगा।

CRPC में 533 धारा रहेगा। 160 धाराओं को बदला जायेगा। जिसमे 9 धाराओं को जुड़ा जायेगा और 9 धाराओं को हटा दिया जायेगा।

पूछतास से लेकर ट्रायल तक वीडियो कंफ्रेंस का प्रावधान होगा।

ट्रायल कोर्ट को 3 साल के अंदर फैसला देना पड़ेगा।

पुराने कानून के बदलाव से फायदा ये होगा की पुराने कानून दण्ड पर आधारित था,। लेकिन नया कानून न्याय पर आधारित होगा।

ये कानून सालभर के अंदर पूरे देश में लागू हो जायेगा।

जय हिंद।

 

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